इस जूस में छिपा है डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का सटीक इलाज, काम में लेनी होगी सिर्फ ये विधि
गिलोय बेहद गुणकारी है। यह हेल्थ के लिए अमृत के समान है। आयुर्वेद में गिलोय को बुखार की एक महान औषधि के रूप में माना गया है। कोई सा, कैसा भी बुखार हो, गिलोय का रस उसे जड़ से खत्म कर देता है। असल में गिलोय की पत्तियों व टहनियों में कैल्शियम, प्रोटीन तथा फास्फोरस पाया जाता है। यह हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में सहायता करती है। इसमें विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण एंटीबायोटिक तथा एंटीवायरल तत्व पाए जाते हंै, जिनसे शारीरिक स्वास्थ्य को तुरंत लाभ पहुंचता है। यह घर-घर की डॉक्टर है। यह गांवों में सहजता से मिल जाती है, लेकिन अब शहरों में लोग अपने घरों में इसे लगाने लगे हैं। गिलोय में प्राकृतिक रूप से शरीर के दोषों को संतुलित करने की क्षमता पाई जाती है। गिलोय एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। गिलोय की टहनियों को भी औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
किसी भी तरह के बुखार के लिए उत्तम औषधि (Dengue Treatment In Hindi )
यदि आपको लंबे से बुखार है और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो ऐसे बुखार के लिए गिलोय का जूस रामबाण का काम करता है। दरअसल, गिलोय में ज्वर से लडऩे वाले गुण पाए जाते हैं। गिलोय हमारे शरीर में होने वाली जानलेवा बीमारियों के लक्षणों को उत्पन्न होने से रोकने में बहुत ही सहायक होता है। यह हमारे शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ाता है, जो कि किसी भी प्रकार के ज्वर से लडऩे में उपयोगी साबित होता है। डेंगू, चिकनगुनिया जैसे ज्वर में भी गिलोय का रस बहुत ही उपयोगी साबित होता है। यदि मलेरिया के इलाज के लिए गिलोय के रस तथा शहद को बराबर मात्रा में मरीज को दिया जाए, तो मलेरिया को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के लिए रामबाण (Dengue malaria, Chikungunya )
गिलोय का इस्तेमाल बुखार को कम करने में विशेष रूप से लाभकारी होता है। गिलोय के रस में शहद मिला कर पीने से बुखार और सर्दी से आराम मिलता है। अगर आपको बहुत ज्यादा बुखार है और बॉडी का टेम्परेचर कम नहीं हो पा रहा हो, तो गिलोय की पत्तियों का काड़ा बना कर पीने से लाभ होता है। गिलोय के सेवन से डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू और चिकनगुनिया को दूर भगा सकते हैं। डेंगू और चिकनगुनिया में ब्लड प्लेट्स की संख्या लगातार गिरने लगती है। गिलोय के चूर्ण को शहद के साथ लेने से इनकी संख्या को बढ़ाया जा सकता हैं। गिलोय का नियमति रूप से इस्तेमाल करने पर आप डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारी से भी बचे रह सकते हैं।
दर्द में राहत
चिकनगुनिया जैसे वायरल बुखार जो ठीक होने के बाद भी पेशेंट्स महीनों तक जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं, ऐसे मामलों में गिलोय प्रकृति द्वारा हमें दिया गया एक बेहतरीन उपहार है। इसके रस के सेवन से दर्द छूमंतर हो जाता है।
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