बीएड स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी: अब प्रायोगिक के नाम पर नहीं कटेगी जेब
सीकर. प्रायोगिक के नाम पर विद्यार्थियों से अनाधिकृत रूप से होने वाली वसूली पर अब लगाम लगने वाली है। बीएड कर रहे विद्यार्थियों के पहले वर्ष में होने वाले फाइनल लेसन के दौरान प्रायोगिक अब आसान तरीके से होंगे। पहले प्रायोगिक लेने दूसरे संस्थानों व स्थान से वीक्षक आते थे, लेकिन अब एेसा नहीं होगा। अब खुद बीएड कॉलेज ही विद्यार्थियों के प्रायोगिक के अंक देंगे। ऐसे में वीक्षकों को रुपए देने के नाम पर कथित तौर से उनसे लिए जाने वाले रुपए की लूट उनसे नहीं हो सकेगी। हालांकि दूसरे वर्ष में तो बाहर से ही वीक्षक आएंगे। इस संबंध में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विवि सीकर ने आदेश जारी कर दिए हैं। बतादें कि विश्व विद्यालय के पास एेसी शिकायत आ रही थी कि बाहर से वीक्षक आने के बावजूद खानापूर्ति ही ज्यादा हो रही थी। जिस उद्देश्य से प्रायोगिक परीक्षा करवाई जा रही थी वह उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा था। प्रायोगिक के नाम पर विद्यार्थियों की प्रतिभा देखने के बजाय खर्चा ज्यादा करवाया जा रहा था। अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विवि सीकर ने आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार बीएड के प्रथम वर्ष के प्रायोगिक लेने के लिए बाहर से कोई वीक्षक नहीं जाएगा। खुद बीएड कॉलेज ही प्रायोगिक लेंगे और वे ही अंक देंगे।
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