इतने साल बाद सरहद की इन चौकियों के खुलेंगे बंद ताले... केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दी सहमति

जैसलमेर। करीब नौ वर्ष पहले अनुपयोगी समझकर बंद कर दी गई प्रदेश के पश्चिमी सरहद की 24 सीआईडी-बीआई चौकियों के ताले अब एक बार फिर से खुलेंगे। वर्षों से बंद बॉर्डर इंटेलीजेंस चौकियों को फिर से शुरू करने को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी सहमति दे दी है। ऐसे में अब सरहद पर सुरक्षा इंतजाम पुख्ता होने की उम्मीद जगने लगी है।four border districts to reactivate 24 check posts in Rajasthan

गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका में गत 1 जून को ‘वित्तीय स्वीकृति के इंतजार में पथराई आंखें‘ शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था और सरहद के समीप आबादी विस्तार, सड़क सुविधा और मोबाइल नेटवर्क आने के साथ-साथ बाहरी प्रदेशों व विदेशों से विभिन्न कार्यों से आने वाले नागरिकों के बीच बंद सरहदी चौकियों को खोले जाने की आवश्यकता जताई थी।

सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर पूर्व में बंद खुफिया चौकियों को फिर से शुरू करने के लिए शर्तें लागू भी की हैं। बताते चलें कि पुलिस मुख्यालय ने बंद की गई बॉर्डर इंटेलीजेंस की 17 चौकियों सहित 24 चौकियों को शुरू करने के प्रस्ताव पर कार्रवाई की जानकारी मांगी थी, वहीं सीमा सुरक्षा बल भी इन चौकियों को शुरू करने की जरूरत बताई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बॉर्डर पर बंद चौकियों को खुलवाने के लिए प्रस्ताव दो वर्ष पहले भेजे जा चुके थे और मुख्यालय को सुरक्षा से संबंधित कई पहलुओं से अवगत कराया है।

यह है हकीकत प्रदेश की पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से करीब 1040 किमी सीमा सटी हुई हैै। सीमा क्षेत्र के चार जिलों जैसलमेर, गंगानगर, बाड़मेर और बीकानेर जिलों में चौकियां स्थापित की गई थी। इसी तरह चार जिलों में 40 चौकियां स्थापित की गई थी। वर्ष 1995 व 2009 में 17 बॉर्डर इंटेलीजेंस चौकियां बंद कर दी गई थी।

...इसलिए पड़ी जरूरत खुफिया रिपोर्टों के अनुसार संबंधित चौकियों के क्षेत्रों में से कई स्थानों पर तस्करों की सक्रियता बढ़ी है और सुरक्षा पर खतरा भी मंडराया है। -मादक पदार्थों, नकली नोटों के साथ-साथ हथियारों की तस्करी के साथ बढ़ा जासूसी का खतरा भी। -तारंबदी के पश्चात सीमा पार से घुसपैठ में कमी आई थी। ऐसे में बॉर्डर इंटेलीजेंस की चौकियों को अनुपयोगी मानते हुए बंद कर दिया। -थार एक्सप्रेस शुरू होने के बाद आईएसआई ने सरहदी क्षेत्रों में जासूसी का नेटवर्क तैयार करना शुरू किया। -गत तीन वर्ष में जोधपुर व जैसलमेर में करीब दो दर्जन जासूसी के आरोपित सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़े थे।

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